Child Adoption in Indian Law Full details in Hindi

  

भारत में Child Adoption की प्रक्रिया और कानूनी परिप्रेक्ष्य

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About Adoption Process in India

बाल गोद लेना (Adoption) न केवल एक कानूनी प्रक्रिया है बल्कि यह एक बच्चे को सुरक्षित और स्थिर परिवार प्रदान करने का एक सामाजिक प्रयास भी है। भारत में यह प्रक्रिया विभिन्न कानूनी प्रावधानों और नियमों के तहत संचालित होती है ताकि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस लेख में भारत में गोद लेने की प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, कानूनी पहलू और आवश्यक दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी दी गई है।

Adoption Process in India
Adoption Process in India

भारत में गोद लेने से संबंधित प्रमुख कानून

भारत में गोद लेने की प्रक्रिया निम्नलिखित प्रमुख अधिनियमों के अंतर्गत आती है:

1. जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट, 2015

  • यह अधिनियम अनाथ, परित्यक्त और समर्पित बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
  • सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) इस प्रक्रिया को विनियमित करने वाला प्रमुख निकाय है।
  • यह अधिनियम सभी धर्मों के नागरिकों के लिए लागू होता है।

2. हिंदू एडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट, 1956

  • यह अधिनियम विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म को मानने वालों पर लागू होता है।
  • विवाहित या अविवाहित हिंदू पुरुष और महिलाएँ इस अधिनियम के तहत एक बालक या बालिका को गोद ले सकते हैं।
  • यह अधिनियम पारंपरिक हिंदू उत्तराधिकार और पारिवारिक संरचना को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

3. गार्जियन्स एंड वॉर्ड्स एक्ट, 1890

  • यह कानून गैर-हिंदू नागरिकों (मुस्लिम, ईसाई, पारसी और यहूदी) पर लागू होता है।
  • इस अधिनियम के तहत गोद लिया गया बच्चा कानूनी रूप से माता-पिता का उत्तराधिकारी नहीं बनता, जब तक कि उसे गोद लेने वाले की वसीयत में शामिल न किया जाए।

गोद लेने की पात्रता (Eligibility Criteria)

गोद लेने के लिए माता-पिता को निम्नलिखित पात्रता मानदंड पूरे करने होते हैं:

  • आयु सीमा: एकल माता-पिता की आयु 25 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यदि दंपति गोद लेना चाहते हैं, तो दोनों की संयुक्त आयु 110 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • वैवाहिक स्थिति: अविवाहित, विवाहित और तलाकशुदा व्यक्ति भी गोद लेने के पात्र हैं।
  • आर्थिक स्थिरता: माता-पिता की आय और जीवनशैली ऐसी होनी चाहिए कि वे बच्चे के भरण-पोषण का पूरा ध्यान रख सकें।
  • मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य: माता-पिता को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है।

गोद लेने की प्रक्रिया (Adoption Process in India)

1. ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration)

  • CARA की आधिकारिक वेबसाइट www.cara.nic.in पर जाकर आवेदन भरें।
  • आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें और आवेदन की पुष्टि करें।

2. होम स्टडी रिपोर्ट (Home Study Report - HSR)

  • अधिकृत एजेंसी आवेदक के घर का निरीक्षण करती है और उसकी पारिवारिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि की जाँच करती है।

3. बच्चे का मिलान और रेफरल (Matching and Referral of Child)

  • माता-पिता को उनकी प्राथमिकताओं के अनुसार बच्चों की सूची दी जाती है।
  • बच्चे की चिकित्सा और पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी दी जाती है।

4. पूर्व-अंगीकृत देखभाल (Pre-Adoption Foster Care)

  • गोद लेने से पहले माता-पिता को बच्चे के साथ कुछ समय बिताने का अवसर दिया जाता है।

5. कानूनी प्रक्रिया (Legal Adoption Process)

  • माता-पिता को परिवार न्यायालय में आवेदन दायर करना होता है।
  • न्यायालय द्वारा सभी दस्तावेजों की जाँच के बाद गोद लेने की अनुमति दी जाती है।

6. पोस्ट एडॉप्शन फॉलो-अप (Post-Adoption Follow-up)

  • सरकारी एजेंसियाँ कुछ समय तक बच्चे की स्थिति की निगरानी करती हैं।
  • यह सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चा सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में रह रहा है।

Legal Adoption Process in India
Adoption Process in India

महत्वपूर्ण कानूनी और नैतिक विचार

  • गैरकानूनी गोद लेना एक दंडनीय अपराध है।
  • केवल अधिकृत संस्थानों से ही गोद लेने की प्रक्रिया अपनाएँ।
  • बाल तस्करी को रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों का पालन करें।
  • बच्चे के सर्वोत्तम हितों को प्राथमिकता दें।

At Last Here

भारत में बाल गोद लेना एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसे कानूनी रूप से सुचारू रूप से पूरा करना आवश्यक है। सभी दिशानिर्देशों का पालन करने से न केवल माता-पिता को एक नया जीवनसाथी मिलता है, बल्कि बच्चे को भी एक सुरक्षित और उज्जवल भविष्य प्राप्त होता है। यदि आप गोद लेने की योजना बना रहे हैं, तो अधिकृत संस्थाओं से संपर्क करें और सभी कानूनी प्रक्रियाओं को सही तरीके से पूरा करें।

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